दुर्गा माता के आराधना के नौ दिन
भारतीय शास्त्रों में नौ दिनों तक निर्वहन की जाने वाली परंपराओं का बड़ा महत्व बताया गया है। इन नौ दिनों में कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जिन्हें हमारे बड़े-बुजुर्गों ने हमें सिखाया है। उनका आज भी हम पालन कर रहे हैं।
हर कोई चाहता है कि देवी की पूजा पूरी श्रद्धा-भक्ति से हो ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे। आइए जानते हैं, माता के नौ दिनों में क्या करें, क्या न करें :-
क्या करें :-
* जवारे रखना।
* प्रतिदिन मंदिर जाना।
* देवी को जल अर्पित करना।
* नंगे पैर रहना।
* नौ दिनों तक व्रत रखना।
* नौ दिनों तक देवी का विशेष श्रृंगार करना।
* अष्टमी-नवमीं पर विशेष पूजा करना।
* कन्या भोजन कराना।
* माता की अखंड ज्योति जलाना।
क्या न करें :-
* दाढ़ी, नाखून व बाल काटना नौ दिन बंद रखें।
* छौंक या बघार नहीं लगाएं।
* लहसुन-प्याज का भोजन ना बनाएं।
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भारतीय शास्त्रों में नौ दिनों तक निर्वहन की जाने वाली परंपराओं का बड़ा महत्व बताया गया है। इन नौ दिनों में कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जिन्हें हमारे बड़े-बुजुर्गों ने हमें सिखाया है। उनका आज भी हम पालन कर रहे हैं।
हर कोई चाहता है कि देवी की पूजा पूरी श्रद्धा-भक्ति से हो ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे। आइए जानते हैं, माता के नौ दिनों में क्या करें, क्या न करें :-
क्या करें :-
* जवारे रखना।
* प्रतिदिन मंदिर जाना।
* देवी को जल अर्पित करना।
* नौ दिनों तक व्रत रखना।
* नौ दिनों तक देवी का विशेष श्रृंगार करना।
* अष्टमी-नवमीं पर विशेष पूजा करना।
* कन्या भोजन कराना।
* माता की अखंड ज्योति जलाना।
क्या न करें :-
* दाढ़ी, नाखून व बाल काटना नौ दिन बंद रखें।
* छौंक या बघार नहीं लगाएं।
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